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राष्ट्रीय
By   V.K Sharma 26/05/2022 :23:57
जिन्ना टावर का नाम एपी जे अब्दुल कलाम टावर रखा जाए,-सुनील देवधर
 


राज्य सरकार हमारी मांग पर दमनकारी रुख नहीं अपना सकती है:-सुनील देवधर

गुंटुर की जिन्ना टावर भी अब विवादों के घेरे में आ गया है भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) राष्ट्रीय सचिव सुनील देवधर ने कहा है कि हम ऐसे किसी भी व्यक्ति के नाम पर कोई ऐतिहासिक स्मारक नही चाहते जिसके कारण हमें विभाजन की त्रासदी झेलनी पड़ी जिन्ना टावर का नाम जल्दी से जल्दी बदल कर पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम टावर कर देना चाहिए सुनील देवधर ने कहा, "राज्य सरकार हमारी मांग पर दमनकारी रुख नहीं अपना सकती है।" राज्य की वाईएस जगन रेड्डी सरकार अल्पसंख्यकों का तुष्टिकरण कर रही है।
  इसी मांग के चलते भाजपा कार्यकर्ताओं सहित कई भाजपा नेताओं को पुलिस हिरासत में ले लिया गया, इसका कारण यह है कि उन्होंने गुंटूर में जिन्ना टॉवर सेंटर तक मार्च करने की मांग की थी और इसका नाम पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के नाम पर रखा गया था। पार्टी की युवा शाखा भाजयुमो की एक बैठक के बाद भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने जिन्ना टॉवर तक एक विरोध मार्च निकालने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने इसे विफल कर दिया और उन्हें हिरासत में ले लिया।
भाजपा ने जिन्ना टावर का नाम बदलने की मांग 
बता दें कि पिछले कुछ महीनों से भाजपा और अन्य हिंदू संगठन ऐतिहासिक जिन्ना टॉवर का नाम बदलने की मांग कर रहे हैं, लेकिन वाईएस जगन मोहन रेड्डी सरकार ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया। मंगलवार को राज्य के लिए पार्टी के सह-प्रभारी देवधर शहर में थे और उन्होंने विरोध का नेतृत्व करने की मांग की। भाजपा ने मांग करते हुए कहा कि जिन्ना टॉवर का नाम बदलकर एपीजे अब्दुल कलाम टॉवर कर दिया जाए। भाजपा के राज्यसभा सदस्य जीवीएल नरसिम्हा राव ने अपनी पार्टी के नेताओं के खिलाफ पुलिस के कठोर व्यवहार और उन्हें हिरासत में लेने की निंदा की।
जिन्ना टावर से बदलकर अब्दुल कलाम रखें नाम 
एक ट्वीट में उन्होंने पूछा, " हम आंध्रा प्रदेश में है या पाकिस्तान में हैं"। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सोमू वीरराजू ने कहा कि न केवल उनकी पार्टी बल्कि लोगों ने भी टावर का नाम बदलने की मांग की है। उन्होंने कहा कि जिन्ना का नाम हटाने और टावर का नाम अब्दुल कलाम के नाम पर रखने की मांग को व्यापक समर्थन मिल रहा है। 
जिन्ना टावर को लेकर पहले भी विवाद हो चुका है और इस साल फरवरी में इससे तिरंगे में रंग दिया था। जिन्ना टावर आजादी से पहले 1940 में बना था और यह गुंटूर शहर में महात्मा गांधी रोड पर स्थित है। यह टावर पाकिस्तान को बनाने वाले मोहम्मद अली जिन्ना के नाम पर बनाया गया है। इससे पहले भी कई बार जिन्ना टावर का नाम बदलने की मांग उठाई जा चुकी है। 

बीजेपी नेताओं का कहना है कि जो शख्स भारत के विभाजन का जिम्मेदार हो उसके नाम पर टावर का नाम नहीं होना चाहिए। 

कुछ साल पहले गुंटूर की नगर पालिका ने नाम बदलने को लेकर फैसला ले लिया था लेकिन कई लोगों की आपत्ति के कारण फ़ैसले को वापस ले लिया गया। 

गुंटूर शहर में मुसलमान और हिंदू समुदाय, दोनों की ही आबादी अच्छी-खासी है लेकिन यहां कभी भी सांप्रदायिक तनाव जैसी घटनाएं नहीं हुई है।

गुंटूर का नगर निगम ही जिन्ना टावर के रखरखाव का काम करता है। सड़क के बीचों-बीच में स्थित इस टावर सेंटर के आसपास पानी का फव्वारा और छोटा सा बाग भी बनाया गया है।

बीबीसी के मुताबिक़, एसएम लालजन बाशा 1942 में गुंटूर के विधायक थे। आज़ादी की लड़ाई के दौरान जब 'भारत छोड़ो आंदोलन' चल रहा था, तब बाशा ने गुंटूर में मोहम्मद अली जिन्ना की एक बड़ी रैली कराने की कोशिश की थी। लेकिन जिन्ना इस रैली में नहीं आ पाए थे। तब जिन्ना के सम्मान में इस टावर का निर्माण किया गया था। 

काशी में ज्ञानवापी मस्जिद विवाद, ताजमहल के बंद पड़े 22 कमरों को खुलवाने की मांग, श्री कृष्ण जन्मभूमि शाही ईदगाह मस्जिद विवाद, कुतुब मीनार का मामला अदालतों में पहुंचने के कारण देशभर का माहौल पहले से ही गर्म है। 



V.K Sharma
Editor in Chief
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