एम०एस०पी० निरंतर बढती रहेगी, मंडियां होंगी अधिक मजबूत और किसानों की आय बढ़ेगी भ्रम भी होगा दूर - राजकुमार चाहर (सांसद)-राष्ट्रीय अध्यक्ष भाजपा किसान मोर्चा
नई दिल्ली (न्यूज़ ग्राउंड) : आम बजट में आत्मनिर्भरता का ध्येय निहित है और कोरोना संकटकाल के बाद किसानों को मजबूती से विकास के मार्ग पर आगे बढ़ाने के लिए समुचित प्रयास एवं उनकी आय को दुगनी करने प्रावधान किए गए है जिस प्रकार से दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर बीते दो महीनों से ज्यादा समय से जारी किसान आंदोलन के बीच केंद्र सरकार ने कृषि क्षेत्र एवम किसानों के लिए कई अहम ऐलान किए वो निसंदेह किसानों के बीच फैले असंतोष को अवश्य की खत्म करने वाले साबित होंगे , वर्ष 2021-22 के लिए केंद्रीय बजट में कृषि सेक्टर के लिए एग्रीकल्चरल क्रेडिट टारगेट (कृषि ऋण लक्ष्य) और अधिक बढ़ाए जाने का प्रावधान किसानों में खुशहाली के लिए मजबूत कदम साबित होगा। नरेंद्र मोदी सरकार के इस आम बजट में किसानों की बेहतरी के लिए स्पष्ट प्रतिबद्धता नज़र आ रही है। जिसके तहत 2021-22 में किसानों को अधिक कृषि ऋण उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है। यह लक्ष्य 16.5 लाख करोड़ रुपये का है, जबकि पिछली बार यह 15 लाख करोड़ रुपये का था।
मैं स्पष्ट करना चाहता हूँ की हमारी सरकार किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। बजट में जिस प्रकार किसानों के लिए सभी फसलों पर उत्पादन लागत का कम से कम 1.5 गुना अधिक एमएसपी दी जा रही है। साथ ही किसानों को 75 हजार करोड़ रुपये ज्यादा दिए हैं। किसानों को दिए जाने वाले भुगतानों में भी तेजी की गई है।'' इस बजट के माध्यम से बताना चाहता हूँ कि वित्त वर्ष 2013-14 में गेंहू का भुगतान 33874 करोड़ था जो की 2019-20 में बढ़कर 62802 करोड़ हो गया था, वर्तमान में 2020-21 में यह 75060 का भुगतान किये जाने का प्रावधान है जो की पिछले वित्तीय वर्षों के मुकाबले 20% अधिक है, वित्त वर्ष 2013-14 में दाल का भुगतान 236 करोड़ था जो की 2019-20 में बढ़कर 8285 करोड़ हो गया था, वर्तमान में 2020-21 में यह 10530 का भुगतान किये जाने का प्रावधान है जो की पिछले वित्तीय वर्षों के मुकाबले 40% अधिक है, वित्त वर्ष 2013-14 में धान का भुगतान 63928 करोड़ था जो की 2019-20 में बढ़कर 141930 करोड़ हो गया था, वर्तमान में 2020-21 में यह 172752 का भुगतान किये जाने का प्रावधान है जो की पिछले वित्तीय वर्षों के मुकाबले 20% अधिक है। इसके अलावा, सरकार कृषि उत्पादों के एक्सपोर्ट में 22 और उत्पादों को शामिल करेगी।
जिस प्रकार एमएसपी पर कानून बनाने और कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे किसानों को सरकार ने बजट के जरिए से एक बार फिर से भाजपा की केंद्र सरकार ने बड़ा संदेश दिया है। बजट में केंद्रीय वित्त मंत्री ने एमएसपी पर खरीद जारी रखने का आश्वासन दे कर किसानों में फैली भ्रांति को दूर करने का सार्थक प्रयास किया है मुझे उम्मीद है इस बजट के बाद किसान इस आंदोलन को खत्म करके किसानों के बीच असंतोष को खत्म कर देंगे , इस बजट के द्वारा मोदी सरकार साल 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के अपने लक्ष्य पर अभी भी कायम है।
इस बजट से सरकार ने कपास की खेती करने वाले किसानों के लिए एक विशेष योजना का ऐलान किया है.आगामी वित्तीय वर्ष में सरकार कपास किसानों को मिलने वाली राशि में इजाफा कर सकती है. कृषि क्षेत्रों में वित्त मंत्री जी ने धान की खेती करने वाले किसानों को बड़ा तोहफा देते हुए 1.7 लाख करोड़ रुपये की राशि धान किसानों को भुगतान करने की घोषणा करने से किसानों।में खुशी की लहर है साथ ही सरकार ने दलहन की खेती करने वाले किसानों के लिए एक बड़ी घोषणा की है. वित्त मंत्री ने कहा कि आने वाले समय में दलहन की खरीद में 40 प्रतिशत तक की बढ़त देखने को मिलेगी.
किसानों को कर्ज देने का टारगेट 16 लाख करोड़ रुपए किया गया। इस साल स्वामित्व स्कीम शुरु की गयी। अब तक 1.8 लाख लोगों को कार्ड मिला है। 2021 में सभी राज्यों को इसके दायरे में लाया जाएगा सरकार एपीएमसी मंडियों को आधारभूत सुविधाएं प्रदान करने का प्रयास करेगी. आगामी वित्तीय वर्ष में 1,000 मंडियों को राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक मार्केट के साथ एकीकृत किया जाएगा.
किसानों के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बड़ा ऐलान करते हुए 16 सूत्रीय फॉर्मूला पेश किया। अपने संबोधन में निर्मला सीतारमण ने कहा कि हमारी सरकार की ओर से किसानों के लिए बड़ी योजनाओं को लागू किया गया है। सरकार की ओर से कृषि विकास योजना को लागू किया गया है, पीएम फसल बीमा योजना के तहत करोड़ों किसानों को फायदा पहुँचाया गया। सरकार का लक्ष्य किसानों की आय दोगुना करना है। हमारी सरकार किसानों के लिए 16 सूत्रीय फॉर्मूले (16 एक्शन प्वाइंट) का ऐलान किया है उससे किसानों को अवश्य ही फायदा पहुँचेगा जैसे-
01-उन राज्यों को प्रोत्साहित किया जाएगा जो केंद्र के मॉडल लॉ को मानेंगे।
02-अन्नदाता ऊर्जादाता भी है। पीएमकुसुम स्कीम से फायदा हुआ है। अब हम 20 लाख किसानों को सोलर पंप देंगे।
03-किसानों के लिए स्पेशल रेल।
04-15 लाख किसानों को ग्रिड कनेक्टेड पंपसेट से जोड़ा जाएगा।
05-162 मिलियन टन के भंडारण की क्षमता है। नाबार्ड इसे जीयोटैग करेगा। नए बनाए जाएँगे। ब्लॉक और ताल्लुक के स्तर पर बनेंगे। राज्य सरकार जमीन देसकती है। एफसीआई अपनी जमीन पर भी बना सकती है।
06-विलेज स्टोरेज स्कीम – सेल्फ हेल्प ग्रुप के जरिए।
07-मिल्क, मीट, फिश को प्रीजर्व के लिए किसान रेल बनेगा।
08-किसानों के लिए भंडार स्कीम।
09-311 मिलियन टन के साथ ये अन्न उत्पादन के आगे निकल चुका है। हम राज्यों को मदद करेंगे। वन प्रॉडक्ट वन डिस्ट्रिक्ट का स्कीम बनाएँगे।
10-इंटिग्रेटेड फार्मिंग सिस्टम – संचयित इलाकों में नेचुरल फार्मिंग- जैविक खेती के लिए पोर्टल, ऑनलाइन मार्केट मजबूत बनाया जाएगा।
11-फिनांसिंग ऑन निगोशिएबल वेयर हाउसिंग स्कीम।
12-नॉन बैंकिंग फाइनान्स कंपनियों को उत्साहित किया जाएगा। 15 लाख करोड़ रुपये का कर्ज किसानों को देने का लक्ष्य है।
13 फुट एंड माउथ बीमारी, पीपीआर की बीमारी 2025 तक खत्म हो जाएगी।
14-मिल्क प्रोसेंसिंग क्षमता 108 मिलियन टन करने का लक्ष्य।
15-समुद्री इलाकों के किसानों के लिए, फिश उत्पादन का लक्ष्य 208 मिलियन टन, 3077 सागर मित्र बनाए जाएँगे जिससे तटवर्ती इलाकों के युवाओं को रोजगार मिलेगा।
16-दीनदयाल अंत्योदय योजना – 58 लाख एसएचजी बने हैं। इन्हें मजबूत बनाएंगे।
इन 16 स्कीम के लिए फंड 2.83 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
मै किसानों को अधिकतम सुविधाएं देने के लिए प्रतिबद्ध मोदी सरकार का आभार व्यक्त करता हूँ कि किसानों के प्रति उदारता का भाव नई संदेह अन्नदाताओं के असंतोष को दूर करेगा साथ ही देश मे किसान अपनी समृद्धशाली भूमिका के लिए फिर से सरकार का सहयोग करेगा। सर्वस्पर्शी, सर्व-समावेशी एवं देश के जन-जन के सर्वांगीण कल्याण के प्रति समर्पित आम बजट के लिए देश का समस्त किसान भाजपा सरकार की दूर दर्शिता को पहचान कर देश के विकास में अवश्य सहयोग करेगा उपरोक्त आम बजट से यह पूर्ण रूप से स्पष्ट हो चुका है की मोदी सरकार किसानों की हितैषी सरकार है जिस प्रकार से विपक्षी पार्टियों ने केंद्र सरकार द्वारा पारित तीनों कृषि विधेयकों (कृषि उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन एवं सुविधा) विधेयक 2020, मूल्य आश्वासन एवं कृषि सेवाओं पर कृषक (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) अनुबंध विधेयक 2020, आवश्यक वस्तु संशोधन विधेयक 2020) के प्रति किसानों में भ्रांतियां और असंतोष की स्थिति उत्पन्न की है इस आम बजट के बाद यह स्पष्ट हो जाता है कि एम०एस०पी निरंतर बढती रहेगी और किसानों की जमीन जो किसान का आत्मसम्मान होता है वह किसानों की ही रहेगी, यह विधेयक न केवल किसानों को मजबूत और सशक्त बनाएँगे बल्कि यह किसान और व्यापारियों के लिए एक समान व् मुक्त तंत्र का निर्माण करेंगे और इस आम बजट के बाद किसानों में फैलाया गया भ्रम दूर होगा और किसानों का मोदी सरकार के प्रति विशवास और अधिक मजबूत होगा। जिस प्रकार विपक्षी राजनैतिक दल कृषि विधेयकों के मुद्दे पर राजनीती कर रहे है वो भी कमज़ोर सिद्ध होंगे व किसानों के बीच विपक्षी दलों का षडयंत्र उजागर होगा
लेखक :- राजकुमार चाहर फतेहपुर सीकरी से लोकसभा सांसद के साथ किसान मोर्चा भाजपाके राष्ट्रीय अध्यक्ष भी है