हाथरस गैंगरेप पीड़िता की मौत के बाद परिजनों में आक्रोश, जीभ काटने आंख फोड़ने जैसी कोई बात नहीं - आईजी
लखनऊ, उत्तर प्रदेश (न्यूज़ ग्राउंड) आकाश मिश्रा : उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में हैवानों की दरिंदगी का शिकार हुई 22 वर्षीय युवती ने 15 दिनों तक जिंदगी और मौत से जंग लड़ी, लेकिन आखिरकार दिल्ली में दम तोड़ दिया। अलीगढ़ के जेएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती युवती को हालत गंभीर होने के बाद सोमवार को ही दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल रेफर किया गया था। युवती की मौत की खबर से पूरे हाथरस जिले में मातम की लहर दौड़ गई। उसकी मौत की जानकारी मिलते ही शहर में लोगों ने जुलूस निकालकर व जाम लगाकर अपना गुस्सा जाहिर किया। मौत की जानकारी मिलते ही पूरा पुलिस प्रशासन बेहद सतर्क हो गया। चंदपा कस्बे और बिटिया के गांव में चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात कर दिया गया। पूरे गांव की नाकाबंदी कर दी गई। आईजी अलीगढ़ ने खुद आकर कमान संभाल ली। प्रशासन ने पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी है। इस घटना के चारों आरोपितों को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है। वहीं, मामले पर आईजी पीयूष मोर्डिया का कहना है कि 14 सितंबर को हुई घटना में सबसे पहले हमले का मुकदमा लिखा गया था। बेटी को मेडिकल कालेज में उपचार के लिए भर्ती कराया गया था। जहां प्रारंभिक बातचीत में उसने खुद के साथ हमले के एक नामजद आरोपी द्वारा छेड़खानी करना बताया तो उसकी धारा मुकदमे में बढ़ाई गई। बाद में बेटी ने होश आने पर बयान दर्ज कराए, जिसमें चार आरोपियों द्वारा दुष्कर्म करना बताया तो वह धारा भी बढ़ाई गई और नामजदों को जेल भेज दिया गया। उसे डॉक्टरों की सलाह पर बेहतर उपचार के लिए दिल्ली भेजा गया था। जहां उसे बचाया नहीं जा सका। मंगलवार सुबह उसकी मौत हो गई। पोस्टमार्टम के बाद उसका शव यहां लाया जा रहा है। वहीं मुकदमे में हत्या की धारा की बढ़ोत्तरी भी की जा रही है। रहा सवाल दुष्कर्म की पुष्टि का तो मेडिकल कॉलेज में तैयार हुई परीक्षण रिपोर्ट एक्पर्ट से फॉरेंसिक एग्जामिन के लिए विधि विज्ञान प्रयोगशाला आगरा भेजी है। उस रिपोर्ट के आने और दिल्ली में हुए पोस्टमार्टम की रिपोर्ट मिलने के बाद ही बताया जाएगा। हाथरस के एसपी विक्रांत वीर का कहना है कि पुलिस चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। इस मामले में पुलिस ने कोई लापरवाही नहीं बरती है। उन्होंने बताया कि इस युवती का 14 सितंबर गला दबाकर हत्या करने की कोशिश की गई थी। अब उपचार के दौरान पीड़िता की मौत सफदरजंग अस्पताल में हो गई है। मेडिकल रिपोर्ट में जीभ काटने और आंख फोड़ने जैसी कोई बात नहीं है। गर्दन दबाने पर दांतों के बीच में जीभ आ जाने पर चोट का निशान है। मृतका ने विवेचक को भी अपना बयान बोलकर दर्ज कराया था। रीढ़ की हड्डी भी गला दबाने के कारण ठीक से काम नहीं कर रही थी।