कैंसर के इलाज में बेहद असरदार है कीमोथेरेपी - डॉ.अंकुर शर्मा !
नई दिल्ली (न्यूज़ ग्राउंड) : कैंसर या कर्क रोग एक बहुत ही घातक बीमारी है। इस बीमारी में शरीर के किसी भी हिस्से की कोशिकाओं का अनियंत्रित विभाजन होने लगता है। कैंसर के इलाज में कीमोथेरेपी सबसे ज्यादा प्रचलित ट्रीटमेंट है। कीमोथेरेपी का इस्तेमाल कैंसर के सेल्स को खत्म करने के लिए किया जाता है। कीमोथेरेपी कैंसर के सेल्स को फैलने से रोकते हैं। इसका इस्तेमाल कैंसर के आखिरी स्टेज में उसे रोकने के लिए किया जाता है। कीमोथेरेपी के दौरान कैंसर को खत्म करने वाली दवाओं का इस्तेमाल किया जाता है। इन दवाओं के वजह से कैंसर ट्यूमर सिकुड़ जाते हैं और फैलते नहीं हैं। कीमोथेरेपी का इस्तेमाल अब कैंसर के इलाज के लिए बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। डॉ. अंकुर शर्मा (जीवन विज्ञान विभाग, शारदा विश्वविद्यालय) ने अपने शोध कार्य के आधार पर कैंसर रिपोर्ट, स्प्रिंगर में कैंसर चिकित्सा पर एक शोध किया गया है। जिसमे यह देखा गया है कि कीमोथेरेपी के दौर से गुजर रहे रोगियों में गंजापन, त्वचा संक्रमण और अधिक जैसे विभिन्न दुष्प्रभाव दिखाई देते हैं। इसलिए, रोगियों को एक दवा की आवश्यकता होती है जिसका उपयोग न्यूनतम दुष्प्रभावों के साथ किया जा सकता है। प्रो. एच.एस. गौर (डीन, एसबीएसआर, शारदा विश्वविद्यालय) के मार्गदर्शन के साथ शारदा विश्वविद्यालय में हमारे शोध समूह ने दिखाया है कि नैनो वाहन में दवा के रूप में एक छोटे से न्यूक्लियोटाइड आरएनए का उपयोग इस बाधा को दूर करने के लिए किया जा सकता है। हमारे समूह द्वारा पिछले अध्ययनों से पता चला है कि नैनो-मेडिकेटेड आरएनए दवा वितरण कैंसर कोशिकाओं के खिलाफ काफी काम कर सकता है और मानव स्तन कैंसर कोशिकाओं में कोई साइड इफेक्ट नहीं दिखाया है। हमारे परिणामों के साथ हमने विश्व वैज्ञानिक समुदाय से विभिन्न अध्ययनों को संयुक्त किया है जो कैंसर के इलाज के लिए नैनो-आयामी दवा वितरण प्रणाली के अंदर आरएनए आधारित दवा की आशाजनक क्षमता को दर्शाता है। यह हमारे समाज में कैंसर के खिलाफ लड़ाई जीतने के लिए एक बेहतर उपचार का निर्माण करने की दिशा में कैंसर रोगियों के लिए एक उम्मीद देता है।
कीमोथेरेपी कैसे होती है : ऐसा जरूरी नहीं है कि कैंसर के हर रोगी को कीमोथेरेपी दी जाए। रोगी के स्थिति पर यह बात निर्भर करती है कि उसे कीमोथेरेपी की जरूरत है कि नहीं। इसके बाद ही कीमोथेरेपी दी जाती है। कीमोथेरेपी के कई तरीके होते हैं।
निओएडजुवेंट कीमोथेरेपी: सर्जरी या रेडिएशन थेरेपी के जरिए ट्यूमर को सिकुड़ने वाली एक थेरेपी है, जिसे निओएडजुवेंट कीमोथेरेपी के तौर पर जाना जाता है।
एडजुवेंट कीमोथेरेपी: एडजुवेंट कीमोथेरेपी कैंसर के बचे हुए सेल्स को मारने के लिए दिया जाता है।
कीमोथेरेपी के फायदे क्या है : कई शोधों में यह बात सामने आई है कि कैंसर के इलाज के लिए कीमोथेरेपी सबसे बढ़िया उपाय है। यह थेरेपी कैंसर के सेल्स को मारने का काम करती है। कैंसर से पीड़ित शख्स को अगर कीमो दिया जाता है तो उसको फिर से कैंसर होने का खतरा कई गुणा तक कम हो जाता है। कीमो के दौरान निरंतर जांच की जाती है कि मरीज के शरीर में सेल्स की क्या स्थिति है?