संयुक्त राष्ट्र के वैश्विक आतंकी घोषित होने के बाद कौड़ियों का मोहताज होगा मसूद, जानिए क्या होगा प्रतिबंधों का असर !
नई दिल्ली (न्यूज़ ग्राउंड) आकाश मिश्रा : आतंकी मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र ने अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित कर दिया है. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर के खिलाफ ये कार्रवाई की है. बता दें, जैश-ए-मोहम्मद ने 14 फरवरी को पुलवामा में आतंकी हमला किया था. सीआरपीएफ जवानों को लेकर जा रही बस को विस्फोट से उड़ा दिया गया था. इस आतंकी हमले में CRPF के 40 जवान शहीद हो गए थे. इसके बाद से ही भारत लगातार मसूद को वैश्विक आतंकी घोषित कराने की कोशिश कर रहा था. अब 75 दिन बाद भारत को कामयाबी मिल गई है.मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा समिति के सदस्य देशों अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस लगातार कोशिश कर रहे थे, लेकिन बार-बार चीन इस पर वीटो लगा दे रहा था. करीब 10 सालों में चीन 4 बार वीटो लगा चुका था. 2009, 2016, 2017 और फरवरी, 2019 में चीन ने प्रस्ताव पर वीटो लगाया था, लेकिन उसने अंतराष्ट्रीय स्तर पर दबाव पड़ने से चीन ने वीटो हटा दिया और इसके बाद मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित कर दिया गया. सरकारी सूत्रों के मुताबिक, पाक के बालाकोट में भारत की एयरस्ट्राइक के बाद मसूद अजहर को बहावलपुर में नजरबंद रखा गया था। उसे हाल में ही में इस्लामाबाद में किसी सुरक्षित जगह शिफ्ट किया गया है।
फ्रांस ने किया फैसले का स्वागत : फ्रांस की सरकार ने कहा- संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के फैसले का स्वागत है। हम लगातार मसूद अजहर को प्रतिबंधित करने के लिए अपील कर रहे थे। फरवरी में हुए पुलवामा हमलेके लिए आतंकवादी संगठन का यह सरगना जिम्मेदार था। फ्रांस में 15 मार्च को ही मसूद अजहर पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। इसी साल ब्रिटेन, फ्रांस और अमेरिका ने सुरक्षा परिषद में मसूद को वैश्विक आतंकी घोषित करने का प्रस्ताव दिया था। इस प्रस्ताव को 21 देशों ने समर्थन दिया था। प्रस्ताव पेश करने के साथ ही फ्रांस ने अपने देश में मसूद की संपत्तियां जब्त करने का फैसला भी लिया था।
चीन ने इमरान को पहले ही दे दी थी फैसले की जानकारी : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान हाल ही में चीन के दौरे पर थे। इस दौरान उनकी चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात हुई थी। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया थाकि इस मुलाकात के दौरान ही चीन ने इमरान को मसूद अजहर पर अपने फैसले की जानकारी दे दी थी। पुलवामा आतंकी हमले के बाद चीन पर दुनिया के कई देशों का दबाव था।
सुरक्षा परिषद ही फैसला करती है : किसी भी व्यक्ति को वैश्विक आतंकी घोषित करने का फैसला संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद करती है। प्रस्ताव 1267 में उस व्यक्ति का नाम दर्ज करना होता है। सुरक्षा परिषद में अमेरिका, चीन, फ्रांस, ब्रिटेन और रूस स्थायी सदस्य हैं। इनके अलावा 10 अस्थाई सदस्य हैं। किसी को वैश्विक आतंकी घोषित करने के लिए सभी स्थायी सदस्यों की सहमति जरूरी होती है। इस सूची में नाम आने के बाद वह व्यक्ति वैश्विक आतंकी घोषित हो जाता है। दुनियाभर में उसकी संपत्तियां जब्त की जा सकती हैं। उसके यात्रा करने और उसे हथियार मुहैया कराने पर भी प्रतिबंध लगा दिया जाता है।
भारत में कई हमलों का जिम्मेदार है मसूद : मसूद अजहर भारत में कई आतंकी हमलों को साजिश रचने के साथ उन्हें अंजाम दे चुका है। इसी साल 14 फरवरी को पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हमला हुआ था। इसकी जिम्मेदारी भी मसूद के संगठन जैश ने ली थी। मसूद 2001 में संसद पर हुए हमले का भी दोषी है। इस दौरान नौ सुरक्षाकर्मियों की जान गई थी। इसके अलावा जनवरी 2016 में जैश के आतंकियों ने पंजाब के पठानकोट एयरबेस और इसी साल सितंबर में उरी में सेना के हेडक्वॉर्टर पर हमला किया था।
कंधार विमान अपहरण के बाद मसूद को भारत ने छोड़ा था : 1994 में मसूद अजहर पुर्तगाल के पासपोर्ट पर बांग्लादेश के रास्ते भारत में दाखिल हुआ था। इसके बाद वो कश्मीर पहुंचा। अनंतनाग से उसे फरवरी 1994 में गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, 1999 में कंधार विमान अपहरण के बाद यात्रियों की सलामती के ऐवज में मसूद अजहर को तत्कालीन भाजपा सरकार ने छोड़ दिया था।
पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने कहा- मैं बेहद खुश हूं : मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र में वैश्विक आतंकी घोषित करने के फैसले पर पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने कहा कि मैं बेहद खुश हूं कि यह तय हो गया है। आतंकवाद के खिलाफ बड़ी लड़ाई में भारत को आखिरकार मिली एक बड़ी जीत मिली है। यूएन में भारत के राजदूत सैयद अकबरुद्दीन ने कहा कि इसके लिए सभी ने मिलकर पहल की और भारत के लिए यह एक बड़ी सफलता है। ये फैसला तब लिया गया है जब संयुक्त राष्ट्र की 1267 सेंक्शन कमेटी ने मसूद अजहर का पुलवामा हमले और कश्मीर में हो रही आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने से इनकार कर दिया था। बता दें कि ब्रिटिश उच्चायुक्त ने सर डोमिनिक अक्विथ ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा था कि पुलवामा हमले और उसके बाद के घटनाक्रमों के मद्देनजर ब्रिटेन भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव को कम करने में सक्रिय रूप से शामिल था। अजहर को वैश्विक आतंकवादी के घोषित करने के बारे में पूछे जाने पर, ब्रिटिश उच्चायुक्त ने कहा था कि हम यह देखने के लिए इंतजार कर रहे हैं कि क्या देश (चीन), जो इसका विरोध कर रहा है, वे अपनी इस मुद्दे पर क्या रूख अपनाता है।
फ्रांस ने किया स्वागत : फ्रांस सरकार ने मसूद को UNSC 1267 प्रतिबंध समिति के द्वारा आतंकवादी घोषित किए जाने के फैसले का स्वागत किया है। एक बयान में फ्रांस ने कहा, 'फ्रेंच कूटनीति लगातार अजहर को प्रतिबंधित करने के प्रयास कर रही थी खासतौर से फरवरी में पुलवामा हमले के बाद। फ्रांस ने 15 मार्च को मसूद अजहर के खिलाफ राष्ट्रीय स्तर पर भी प्रतिबंध लगाया था।'
मुख्यत: तीन तरह के प्रतिबंध
संपत्ति जब्त करना : इस सूची में शामिल होते ही संयुक्त राष्ट्र के नियमों के अनुसार सभी देश बिना देरी किए संबंधित व्यक्ति, समूह या संस्था का धन, वित्तीय संपत्ति और आर्थिक संसाधनों को जब्त कर लेते हैं।
यात्रा पर प्रतिबंध : सभी देशों को प्रतिबंधित सूची में शामिल लोगों का विश्व के किसी भी देश में आने-जाने पर प्रतिबंध लग जाता है। इसके अलावा वह जिस देश में है उसमें भी स्वतंत्र रूप से यात्रा नहीं कर सकता है।
शस्त्र पर प्रतिबंध : संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंधित सूची में शामिल होते ही संबंधित व्यक्ति या संस्था को किसी भी देश या संगठन द्वारा हथियारों का खरीद-फरोख्त, उसके पुर्जों, मैटेरियल, तकनीकी की जानकारी देने पर प्रतिबंध लग जाता है। प्रतिबंधित व्यक्ति या संस्थान किसी भी देश का झंडा लगा वायुयान या जलपोत का उपयोग नहीं कर सकता है।
यह हैं सदस्य देश : इस परिषद में कुल 15 सदस्य देश शामिल हैं। जिसमें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के 5 पूर्ण सदस्य यूएस, रूस, चीन, ब्रिटेन फ्रांस हैं। बाकी 2 साल के लिए 10 अस्थाई सदस्यों का भी चयन किया गया है जिनके नाम निम्न हैं- बेल्जियम, डोमेनिकन रिपब्लिक, इक्वेटोरियल गिनी, आइवरी कोस्ट, जर्मनी, इंडोनेशिया, कुवैत, पेरू, पोलैंड और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं।