पुरानी दिल्ली में रामलीला के भव्य मंचन की तैयारी शुरू, सुरक्षा को लेकर प्रशासन हुआ सक्त , क्या है 52 साल पुरानी रामलीला कमेटी का इतिहास !
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दिल्ली (न्यूज़ ग्राउंड) आकाश मिश्रा :पुरानी दिल्ली क्षेत्र में रामलीलाओं के होने
वाले कई आयोजनों को लेकर शासन ने चाक-चौबंदी शुरू कर दी है। इस मसले को लेकर इलाके
में अवैध निर्माण को टारगेट किया जा रहा है और रामलीला के आयोजन स्थलों व पुरानी
दिल्ली में निकलने वाली रामलीला की सवारी मार्ग को अतिक्रमण मुक्त करने के लिए
अफसरों को आदेश जारी कर दिए गए हैं। पुरानी दिल्ली में रामलीला के आयोजन निर्बाध
चलें और वहां किसी प्रकार का व्यवधान न हो, उसको लेकर नॉर्थ एमसीडी की सिटी-एसपी जोन की
डिप्टी कमिश्नर रुचिका कत्याल ने आज सुबह पुरानी दिल्ली इलाके का दौरा किया।
उन्होंने विशेष तौर पर उस रूट की जांच की जहां हर साल नवमी के अवसर पर रामलीला
सवारी को निकाला जाता है। इस रूट में चांदनी चौक, नई सड़क, चावड़ी बाजार, लाल कुआं चौक, अजमेरी गेट आदि इलाके शामिल हैं। डीसी के साथ
नॉर्थ एमसीडी के कई विभागों के आला अधिकारी भी मौजूद थे। इलाके में दौरे के दौरान
रुचिका कत्याल ने स्थानीय लोगों से बातचीत भी की और उनसे उनकी परेशानियां भी
पूछीं। उन्होंने आला अफसरों को आदेश दिए कि जब तक इस रूट पर सवारी जुलूस निकल रहे
हैं, तब तक वहां किसी प्रकार का
व्यवधान नहीं होना चाहिए। उन्होंने अफसरों को यह भी ताकीद की कि रामलीला सवारी रूट
पर जो भी अवैध निर्माण या अतिक्रमण है, उसे तुरंत एक्शन कर हटाया जाए, ताकि सवारी के अलावा दर्शकों
को भी किसी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े। उन्होंने कहा कि इस एक्शन को
लेकर किसी प्रकार की समस्या आती है, तो उनके संज्ञान में लाया जाए, ताकि उसका निराकरण किया जाए।
डीसी ने कहा कि वह जल्द ही रामलीला मंचन के स्थलों का भी दौरा करेंगी और उनके
आयोजकों से मुलाकात कर उनकी समस्याओं का हल करने का प्रयास करेंगी। गौरतलब है कि
पुरानी दिल्ली इलाके में आजकल अतिक्रमण व अवैध निर्माणों के खिलाफ लगातार एक्शन चल
रहा है। इसके तहत कई बाजारों से अतिक्रमण तो हटाए ही गए हैं, साथ ही बिल्डरों द्वारा बनाए
जा रहे अवैध निर्माण को भी ध्वस्त किया जा रहा है। इसी कड़ी में घंटाघर चौक के पास
एक बड़ा अवैध निर्माण तोड़ा गया। अब तो आलम यह है कि दुकानदार खुद ही अपनी दुकानों
से अतिक्रमण हटा रहे हैं। हाल ही में भागीरथ पैलेस के दुकानदारों से खुद ही
अतिक्रमण हटा लिया। डीसी का कहना है कि इस ऐतिहासिक इलाके का पुराना गौरव हटाने के
लिए उसे अतिक्रमण मुक्त तो करना ही होगा। और वही रामलीला मैदान में रामलीला मंचन
की तैयारी जोरों पर चल रही है। गली से लेकर मैदान तक रामलीला के लिए पंडाल आदि
बनने की तैयारी शुरू हो गई है। रामलीला आयोजकों की ओर से इस बार अधिक ऊंचाई वाले
मंच तैयार किए जा रहे हैं, जिससे रामलीला का मंचन और भी
भव्य लगेगा। रामलीला का मंचन 10 अक्टूबर से शुरू हो जाएगा। ऐसे में पुरानी
दिल्ली में इसके मंचन को लेकर लोगों में जोश देखा जा सकता है। लाल किला के सामने
मैदान में भी प्रति वर्ष होने वाली तीनों रामलीला की तैयारी भी जोर-शोर से चल रही
है। मैदान को पूरी तरह से लाइट से सजाया जा रहा है। रामलीला के प्रवेश द्वार को भी
भव्य रूप दिया जा रहा है, जो अपने आप में ही आकर्षण का
केंद्र होंगे। मैदान में झूले लगाने का काम भी चल रहा है। रामलीला कमेटी की ओर से
अधिक ऊंचाई के मंच तैयार किए जा रहे हैं। कोई दो मंजिला मंच तैयार कर रहा है तो
कोई तीन मंजिला मंच तैयार कर भव्य रामलीला के मंचन की तैयारी में है, वहीं रामलीला में किरदार
निभाने वाली विभिन्न मंडली भी बेहतर प्रदर्शन के लिए अभ्यास में जुट गई है। श्री
धार्मिक लीला कमेटी के प्रवक्ता रवि जैन ने बताया कि इस बार रामलीला के मंच की
लंबाई जहां 150
फीट
के करीब रहेगी, वहीं मंच की चौड़ाई 30 से 40 फीट के करीब रहेगी। मंच को
तीन मंजिला तैयार किया जा रहा है। इसकी मदद से एक ही समय पर रामलीला मंचन को सजीव
किया जाएगा। जैन ने कहा कि मंच की लंबाई, चौड़ाई व ऊंचाई अधिक होने से दूर बैठा व्यक्ति
भी मंचन का पूरा आनंद उठा सकेगा। उन्होंने बताया कि प्रतिवर्ष यहां पर बड़ी संख्या
में दिल्ली के विभिन्न इलाकों से लोग रामलीला देखने पहुंचते हैं। ऐसे में हमारी
कोशिश यह रहती है कि हर व्यक्ति रामलीला का आनंद लेकर ही वापस जाए। श्री सनातन
धर्म लीला कमेटी की ओर से पिछले 52 साल से दंगल मैदान में रामलीला का मंचन किया जा
रहा है। यह मैदान पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन के सामने है। वर्ष 2016 में दंगल मैदान में मल्टी
लेवल पार्किंग का निर्माण कार्य शुरू होने का हवाला देते हुए निगम ने मंचन के लिए
जगह देने से इनकार कर दिया। दंगल मैदान में वर्ष 1964 से श्री सनातन धर्म लीला कमेटी की ओर से
रामलीला का आयोजन होता है। यह पुरानी दिल्ली की प्रमुख रामलीलाओं में से एक थी।
पहले पुरानी दिल्ली में चार प्रमुख रामलीलाएं होती थीं, जिनमें रामलीला मैदान, परेड ग्राउंड, गांधी मैदान के साथ दंगल
मैदान रामलीला भी शामिल थी। यह रामलीला कई पूर्व प्रधानमंत्रियों की मेजबानी का
गवाह रही है। इसमें पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, राजीव गांधी व अटल बिहारी
वाजपेयी आ चुके हैं। इसके अलावा पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह समेत अन्य
प्रमुख राजनीतिक हस्तियों ने यहां आकर प्रभु श्रीराम की पूजा-अर्चना की है।