पतंजलि सिम के बाद बाबा रामदेव आज करेंगे किंभो मैसेजिंग ऐप लॉन्च, जानिए क्या खासियत है इस ऐप में !
नई दिल्ली (न्यूज़ ग्राउंड) आकाश मिश्रा : योग गुरु बाबा रामदेव की
कंपनी पंतजलि ने हाल ही में बीएसएनएल से साझेदारी करते हुए अपने कर्मचारियों के
लिए नए सिम कार्ड लॉन्च किए हैं। अब पतंजलि ने दुनिया की सबसे बड़ी मेसेजिंग ऐप
व्हाट्सऐपको टक्कर देने के लिए एक
मेसेजिंग ऐप लॉन्च किया है। इस ऐप का नाम किंभो(Kimbho) है। किंभो गूगल प्ले
स्टोर पर भी डाउनलोड के लिए उपलब्ध है। इस ऐप की टैगलाइन है- अब भारत बोलेगा। बाबा
रामदेव की अगुवाई वाली पतंजलि आयुर्वेद आज यानी सोमवार को नए फीचर के साथ अपने
मैसेजिंग ऐप किम्भो (किंभो) को री-लॉन्च करेगी. पतंजलि आयुर्वेद के मैनेजिंग
डायरेक्टर आचार्य बालकृष्ण ने पिछले दिनों एक ट्वीट में बताया, 'किंभो ऐप नए और एडवांस्ड
फीचर्स के साथ तैयार है.' पतंजलि आयुर्वेद इस ऐप की गड़बड़ियां दूर करने के बाद 27
अगस्त 2018 को इसे अधिकारिक तौर पर
लॉन्च करेगी. पतंजलि के प्रवक्ता एस के तिजारावाला ने पिछले दिनों बताया था कि यह
एक सुरक्षित और स्वदेशी मैसेजिंग ऐप होगा. उनके सुधार के साथ विधिवत 27 अगस्त 2018 को लॉन्च करेंगे । आपके
सुझाव व समीक्षा का हम स्वागत करते है । आओ लॉन्च से पहले ही इस स्वदेशी “किम्भो:” को पूरी दुनिया में गूंजा
दे। पतंजलि आयुर्वेद ने सबसे पहले 30 मई 2018 को गूगल प्ले स्टोर और एप्पलके ऐप स्टोर में किंभो किम्भोऐप को लॉन्च किया था. हालांकि, बाद में इसे यह कहते हुए
हटा लिया गया था कि मैसेजिंग ऐप किंभो को एक दिन के ट्रायल के लिए लाया गया था. उस
समय कई टेक्निकल एक्सपर्ट्स ने किंभो किम्भोऐप की सिक्योरिटी को लेकर सवाल उठाए थे. पतंजलि आयुर्वेद ने इसके बाद 15
अगस्त 2018 को मैसेजिंग ऐप किम्भो के
ट्रायल वर्जन को डाउनलोड्स के लिए गूगल प्ले स्टोर पर डाला था. एक दिन बाद ही यह
मैसेजिंग ऐप गूगल प्ले स्टोर से हट गया था. उस समय पतंजलि आयुर्वेद ने कहा था कि
यह स्वदेशी कंपनी के खिलाफ विदेशी कंपनियों (मल्टीनेशनल कंपनियों) की साजिश है.
कंपनी ने कहा था कि ऐप की जल्द ही वापसी होगी. पतंजलि आयुर्वेद के प्रवक्ता एसके
तिजारावाला ने उस समय एक ट्वीट में कहा था, 'पतंजलि का किंभो ऐप
विदेशी कंपनियों के षडयंत्र का शिकार हुआ है. असुविधा के लिए खेद है. जल्द ऐप की
वापसी होगी.' तिजारावाला ने कहा था कि गूगल ने बिना कोई कारण बताए किम्भो
ऐप के ट्रायल वर्जन को हटा दिया है.' पतंजलि किम्भो ऐप को व्हाट्सऐपके प्रतिस्पर्धी के रूप में पेश कर रही है.
तिजारावाला ने पहले ट्वीट में जानकारी दी थी कि किम्भो का प्रयोग संस्कृत में
हाल-चाल पूछने और खैर-खबर लेने के लिए आम संवाद में होता है. जैसे हम बोलते हैं,
'किम्भो भैया', क्या हाल है भैया और क्या
चल रहा है, क्या खबर है? तिजारावाला ने ट्वीट में
कहा था कि अब भारत बोलेगा...किम्भो. अब भारत पूछेगा किम्भो.